बेमेतरा : शासकीय जिला अस्पताल में परिसर में विश्व एड्स दिवस के मौके पर जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अस्पताल आने वाले मरीज व परिजनों को एचआईवी/ एड्स होने के कारण व इससे बचाव की जानकारी दी गयी साथ ही पोस्टर व पम्पलेट का वितरण किया गया। इस दौरान एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रचार–प्रसार के लिए प्रचार रथ भी रवाना किया गया। एचआईवी से संक्रमित मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से वह कई बीमारियों से आसानी से ग्रसित हो सकता है।
“वैश्विक एकजुटता-साझा जिम्मेदारी” की थीम पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य वक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश जगदीश राम ने एड्स से बचाव के लिए जागरूकता पर जोर देते हुुुए HIV/AIDS रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम 2017 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, यह कानून देश में HIV/ AIDS के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने का प्रयास करता है। साथ ही यह अधिनियम HIV/AIDS से संक्रमित व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव को समाप्त करने का कार्य भी करता है।
प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश जगदीश राम ने बताया, इस अधिनियम का उद्देश्य एचआईवी से पीड़ित लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत 18 वर्ष से कम आयु के एचआईवी से प्रभावित व्यक्ति को घर में साझा रूप से रहने का अधिकार है। राज्य की देख-रेख में व्यक्ति को एचआईवी निवारण, परीक्षण, इलाज और परामर्श सेवा का अधिकार होता है।
इस कानून के तहत एचआईवी तथा एड्स से पीड़ित व्यक्तियों से निम्नलिखित भेदभावों को करना निषेध है-
(i) रोजगार, (ii) शिक्षण संस्थान, (iii) स्वास्थ्य सेवाएँ, (iv) आवास या संपत्ति किराए पर देना (v) सावर्जनिक और निजी पद के लिये उम्मीदवारी (vi) बीमा प्रावधान से संबंधित इनकार, समाप्ति, अनिरंतरता और अनुचित व्यवहार।
गोष्ठी में सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. श्रीमति वंदना भेले ने गर्भवती महिलाओं की समय पर एचआईवी जांच एवं सुरक्षित प्रसव एवं गोपनीयता को लेकर जानकारी दी। जिले में वर्ष 2020-21में अप्रैल से अक्टूबर 2020 तक कुल 7,278 गर्भवती व 2,202 सामान्य मरीजों सहित कुल 9,880 जांच में 30 नए एचआईवी पॉजिटीव मरीज मिले हैं। जबकि इस वर्ष अभी तक 7 माह में 30 संक्रमित ही मिले हैं जिनमें चार गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। विगत वर्ष 2007 से 2020 तक इन 13 सालों में बेमेतरा जिले में 1.03 लाख एचआईवी जांच में कुल 341 पॉजिटिव मिले हैं। इस वर्ष अप्रेल से अक्टूबर 2020 तक प्रदेश के सभी अस्पतालों में 2.96 लाख गर्भवती महिलाओं की ए.एन.सी. जांच में 94 गर्भवती संक्रमित मिली। एएनसी जांच रिपोर्ट के बाद पॉजिटिव 98 प्रतिशत महिलाओं का ए.आर.टी सेंटर में पंजीयन कराने के बाद निशुल्क इलाज जारी है।
एचआईवी/ एड्स पर जागरुकता कार्यक्रम में परामर्शदाता पुरानिक नायक द्वारा आईसीटीसी, सुरक्षा क्लिनिक, लिंक एआरटी व आईसीटीसी से मिलने वाली सुविधा व एचआईवी/ एड्स के मरीजों को परामर्श के बारे में अवगत कराया गया। लैब टेक्निशयन संजय तिवारी ने एचआईवी जांच एवं डीबीएस संबंधित जांच की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से अवगत कराया। कोविड 19 के कारण एआरटी ले रहे व लॉकडाउन में फंसे मरीजों को आईसीटीसी बेमेतरा से एआरटी की दवाईयां उपलब्ध करायी जा रही है। इस कार्यक्रम में जिला चिकित्सालय के डॉ. बीएस ठाकुर, आरती दत्ता, देव्यानी शिवारे सहित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने दी एड्स पीड़ितों के कानूनी अधिकारों की जानकारी
