रायपुर । सांचे बदलने की एक ही कोशिश छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के नेतृत्व में दो साल पहले शुरू हुई। बदलाव यूं तो लंबा समय लेता है..पर छत्तीसगढ़ में दो साल में ही बहुत कुछ बदल गया । सबसे पहले विकास का मॉडल बदला एक ऐसे मॉडल को नई सरकार ने अंगीकार किया..जो विशुद्ध देसी है..जिसमें गांव, गरीब और माटी की चिंता सबसे ऊपर है ।
किसी ने सच ही कहा है कि कायदों की लीक से आगे जाकर जब कोई थामता है, नई सोच की बागडोर..तब जाकर ज़मीन पर दिख पाता है असर । इस मायने में देखें तो इस वक्त छत्तीसगढ़ को मिल रहा है एक असरदार सरकार का नेतृत्व । भूपेश सरकार की सकारात्मक सोच प्रदेश में हर तरह नज़र आती है । इसकी कुछ मिसालें लें तो..एक है..धान नीति..सरकार ने वादा किया था कि वो 2500 रु प्रति क्विंटल में धान खरीदेगी..अपने इस चुनावी वादे को पूरा करने में उसने कोई देरी नहीं की । यहां तक कि केंद्र के अड़ंगे के बाद भी सरकार ने किसानों को अंतर की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत देना तय किया। इसी तरह 52 प्रकार के लघुवनोपजों की खरीदी का निर्णय सरकार ने लिया । क्या कोई सोच सकता था कि गोबर से नियमित आय हो सकती है, पर राज्य सरकार ने अब तक गोबर खरीदी कर सवा लाख से ज्यादा किसानों को 35 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। किसानों को अधिग्रहित जमीन लौटाने की पहल भी किसी सरकार ने पहली बार ही की । बस्तर में टाटा स्टील संयंत्र के लिए अधिग्रहित जमीन को निरस्त कर आदिवासियों को उनकी जमीन लौटाने का काम किया
उद्योगों के लिए बीते 2 वर्षों में असाधारण कार्य हुए हैं। मिसाल के तौर पर स्टील और स्टील उद्योगों के लिए कोरोना काल को देखते हुए विशेष पैकेज की घोषणा, कोर सेक्टर के उद्योगों को विद्युत छूट की पात्रता, औद्योगिक भू-जल करों में 20 से 33 फीसदी तक कमी, और नए बायो इथेनॉल प्लांट के लिए अर्ली बर्ड अनुदान की समय सीमा 18 महीने बढ़ाने जैसे फैसले । कोरोना की आपदा को भी राज्य सरकार ने अवसर की तरह देखा-परखा और फायदा उठाया। नतीजा ये कि इसी दौरान प्रदेश की 848 औद्योगिक इकाइयों में 14 हजार 983 करोड़ का निवेश आया । यही नहीं जीएसटी कलेक्शन में भी इसी दौरान 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई ।
इसी तरह चिटफंड कंपनियों के ठगने की खबर हम रोज पढ़ते हैं..पर उनकी सुध कभी नहीं ली जाती थी, पहली बार भूपेश सरकार ने कुछ ऐसा किया कि चिटफंड के नाम पर ठगे गए हजारों लोगों के लिए दीवाली की खुशियां दोगुनी हो गई । सीएम ने राजनांदगांव से चिटफंड से पीड़ित निवेशकों के पैसे लौटाने की शुरुआत की. चिटफंड कंपनी की संपत्ति कुर्क कर करीब 17 हजार निवेशकों को करीब साढ़े 7 करोड़ रुपए लौटाए गए।
छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मर्ज पुराना है..पर इसका इलाज किया भूपेश सरकार ने..सरकारी नौकरी का लाभ उठा रहे सैकड़ों फर्जी जातिप्रमाण पत्र धारियों को नापने के लिए निर्देश हो गए हैं । सीएम की एक तरह फर्जी लोगों के प्रति सख्ती तो दूसरे ओर शहीदों की प्रति ऐसी संवेदनशीलता कि..इस बार 517 शहीद परिवारों तक प्रशासन पहुंचा और दी उन्हें सीएम की तरफ से दीवाली की शुभकामनाएं दी, साथ ही शहीद जवानों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि भी 3 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दी गई है ।
माटी का मान, छत्तीसगढ़िया मनखे का स्वाभिमान..इन दो वर्षों में गूंज बनकर उठा है, तो इसके पीछे है भूपेश सरकार की ताक़त, इस सरकार ने दूसरी सरकारों की तरह वादों की बुलंद बस्तियां बसाने की नहीं सोची, बल्कि ये तय कि जनता को हर हाल में उनके हक़-हुकूक की ज़मीन मिले। भूपेश सरकार ने अपने 2 साल कार्यकाल कई बार ये दिखाया है कि वो सत्ता की परिभाषित परिधि को लांघकर कुछ ऐसा करने की नीयत रखती है, जो जनहित में लाजमी तौर पर किए जाने चाहिए ।