देश के आठ करोड़ से अधिक व्यापारियों ने कल यानी 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है. व्यापारियों ने जीएसटी व्यवस्था को सरल बनाने सहित कई अन्य मांगों के लिए भारत बंद का आह्वान किया है. कल के बंद से पहले व्यापारियों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र से भी संपर्क किया था. बीते रविवार को उन्हें पत्र लिखकर व्यापारियों ने अपनी मांगों से अवगत करवाया था. व्यापारियों ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री के समक्ष जीएसटी व्यवस्था में सुधार करने और प्रमुख कंपनियों द्वारा ई-वाणिज्य नियमों के उल्लंधन का मामला उठाया है
इस बंद का आह्वान खुदरा व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है. कैट ने पीएम को लिखे पत्र में जीएसटी व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक कार्य समूह गठित करने की मांग की थी. लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला. कैट ने जीएसटी के सुगम क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के लिए हर जिले में जीएसटी कार्य समूह गठित करने का सुझाव दिया था. कैट का दावा है कि उसके इस बंद में 8 करोड़ से अधिक कारोबारी हिस्सा लेंगे. ये व्यापारी जीएसटी में सुधार की मांग के साथ पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दाम का भी विरोध करेंगे.
भारत बंद के दौरान व्यापारी पूरे देश में अपनी दुकानें और बाजार बंद रखेंगे. इसके साथ ही वे अलग-अलग जगहों पर धरना भी देंगे. वैसे व्यापारियों के इस बंद का परिवहन व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इससे केवल व्यावसायिक गतिविधियां प्रभावित रहने की संभावना है
कैट का दावा है कि भारत बंद के उनके आह्वान को ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने समर्थन दिया है और वे 26 जनवरी को अपने ट्रक सड़कों पर नहीं चलाएंगे.