रायपुर. कोरोना संकट के नाम पर रेलवे की तानाशाही ने यात्रियों की जेब पर ऐसा डाका डाला है कि उन्हें दैनिक कामकाज के लिए हर दिन 56 रुपए और महीने में 16 सौ रुपए से अधिक राशि खर्च करना पड़ रहा है। यह राशि इसलिए खर्च हो रही है, क्योंकि रेलवे ने कोरोना संकट के नाम पर मासिक पास की सुविधा बंद कर दी है। चुंकि ट्रेनों को स्पेशल का नाम देकर चलाया जा रहा है। उनके किराए में भी वृद्धि की गई है। ऐसे में रायपुर स्टेशन से हर दिन यात्रा करने वाले 6 हजार से ज्यादा यात्रियों को पिछले डेढ़ साल में साढ़े चार करोड़ से ज्यादा की चपत लगी है। अगर रेलवे यात्रियों को मासिक पास की सुविधा देता तो संकट के दौर में यात्रियों के सवा दो करोड़ बच जाते। सामान्य दिनों में रायपुर स्टेशन से हर दिन 6 हजार मासिक पासधारी यात्री सफर करते हैं। यात्रियों काे वर्तमान में मासिक पास जारी नहीं होने से कुल मिलाकर हर महीने 30 लाख रुपए की चपत लग रही है। स्टेशन के टिकट काउंटर से मिली जानकारी के मुताबिक सामान्य दिनों में स्टेशन से रोजाना 6 हजार मासिक पासधारी यात्री अलग-अलग ट्रेनों से यात्रा का लाभ ले रहे थे।
मासिक पास बंद होने से 6 हजार यात्रियों को डेढ़ साल में साढ़े 4 करोड़ की चपत
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