सूखा प्रभावित किसानों की चिंता दूर, मिलेगा 9 हजार… किसानों ने कहा- ‘ये हरय हमर असल किसनहा भूपेश सरकार’

फीचर स्टोरी । छत्तीसगढ़ में इस साल अवर्षा की स्थिति बन गई है. प्रदेश में करीब 12 जिले कम वर्षा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इससे अकाल की आशंका जताई जा रही है. किसानों के साथ-साथ अब सरकार भी सूखे को लेकर गंभीर और चिंतित हो चली है. लिहाजा भूपेश सरकार ने सूखा घोषित करने से पूर्व ही सूखा प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया है. ऐसा पहली बार हुआ जब किसी सरकार ने किसानों को राहत देने का ऐलान इतनी तेजी से किया हो. यही नहीं यह भी पहली बार हुआ है कि नौ हजार रुपये प्रति एकड़ देने की बात सरकार ने कही. सरकार के इस निर्णय से सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसान बेहद खुश हैं.

12 जिलों में औसत कम हुई बारिश

छत्तीसगढ़ में इस साल 12 जिले ऐसे हैं जहाँ औसत से कम बारिश हुई है. कम बारिश की चलते राज्य में सूखे की स्थिति बन पड़ी है. खास तौर पर धान उत्पादक किसान बेहद परेशान हैं. जानकारी के मुताबिक 174 में 35 तहसीलों में सूखे की आशंका जताई जा रही है. भादो के इस महीने में अगर बारिश अच्छी नहीं हुई स्थिति और गंभीर हो सकती है. कृषि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि धान के फसल को भारी नुकसान हो सकता है. कम बारिश के चलते कई क्षेत्रों में धान रोपाई का काम भी पूरा नहीं हुआ है.

किसानों के लिए अगस्त का महीना होता है महत्वपूर्ण

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगस्त का महीना किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण महीना होता है. रोपाई का काम इसी महीने में होता है. धान के फसल के लिए यह माह अहम रहता है. ऐसे में अगस्त महीने पानी कम हो तो फिर चिंता बड़ जाती है. इस साल यही देखनेम को मिला है. अगस्त के महीने में राज्य में कम बारिश हुई है. आँकड़े के मुताबिक बीते एक दशक में अगस्त में अब तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में अभी तक औसत से 39 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है. लिहाजा राज्य में सूखे के हालत बन गए है.

7 सितंबर तक रिपोर्ट तलब

सूखे के इस हालात को देखते हुए भूपेश सरकार ने पहले ही तसहीलदारों को रिपोर्ट तैयार करने को कहा दिया है. सरकार की ओर से 7 सितंबर तक सभी प्रभावित क्षेत्रों से रिपोर्ट मंगाई है. दूसरी ओर रिपोर्ट आने से पूर्व ही प्रभावित किसानों के लिए भूपेश सरकार ने राहत का बड़ा ऐलान कर दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपये दिया जाएगा.

सरकार विपदा की हर घड़ी में किसानों के साथ- भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अभी राज्य के कई क्षेत्रों में अल्पवृष्टि और अनावृष्टि के चलते सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है. छत्तीसगढ़ की सरकार विपदा की हर घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है. जिन किसान भाइयों ने अभी खरीफ सीजन में धान, कोदो -कुटकी ,अरहर की बुवाई की है, यदि वर्षा के अभाव में उनकी फसल खराब हो जाती है. चाहे उत्पादन हो अथवा न हो, उन्हें सरकार प्रति एकड़ 9000 रुपये की सहायता देगी. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सूखा प्रभावित किसानों को भी गिरदावरी सर्वे के आधार पर प्रति एकड़ 9000 रुपये के मान से मदद दी जाएगी.

माटी पुत्र भूपेश बघेल का फैसला ऐतिहासिक- पारसनाथ साहू

रायपुर जिला निवासी किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि सूखा प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 9000 देने की सीएम की घोषणा निश्चित तौर पर ऐतिहासिक माना जाएगा, क्योंकि अभी तक किसी भी सरकार ने किसानों को मोटी रक़म देने का निर्णय नहीं लिया था. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कम बारिश से चिंतित किसानों के हित में सकारात्मक कदम उठाया है. इससे स्वागतयोग्य कदम कहा जाना चाहिए. मैं किसान संघ की ओर से मुख्यमंत्री को इसके लिए विशेष तौर पर बधाई देता हूँ और उनका आभार प्रकट करता हूँ. उम्मीद करता हूँ छत्तीसगढ़िया माटी पुत्र भूपेश बघेल किसानों के हित में इस तरह से त्वरित फैसला लेते रहेंगे.

सरकार ने किसानों की चिंता दूर की- गजेन्द्र सिंह कोसले

आरंग क्षेत्र के रहवासी किसान नेता गजेन्द्र सिंह कोसले ने भी भूपेश सरकार को किसान में हित लिए गए फैसले के लिए धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा कि आरंग इलाके में सूखा प्रभावित कई गाँव हैं. गाँव के लोग अच्छी बारिश का इंतजार अभी कर रहे हैं. नहर से पानी छोड़ा गया था, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. अभी धान को और पानी की जरूरत है. ऐसे में किसानों की चिंता करते हुए सरकार ने 9 हजार प्रति एकड़ देने का जो ऐलान किया है वह निश्चित तौर पर प्रभावितों के लिए बड़ी सौगात है. इससे किसानों की पूरी तरह भरपाई तो नहीं हो पाएगी लेकिन बहुत मदद मिलेगी. उम्मीद करते हैं मुआवजा वितरण में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो.

किसानों को मिलेगी मदद- बाबूलाल पटेल

जाँजगीर-चाँपा जिले के नवापारा निवासी किसान बाबूलाल पटेल का कहना है कि जिले में बारिश की स्थिति अभी बहुत अच्छी नहीं है. इलाके किसान अच्छी बारिश की उम्मीद में बैठे हैं. किसानों को डर है कि सूखा न पड़ जाए. आगे बारिश नहीं हुई तो सूखा पड़ना निश्चित है, क्योंकि धान को अधिक पानी की जरूरत होती है. पानी की आपूर्ति अभी पूरी नहीं हुई है. ऐसे में भूपेश सरकार ने सूखा प्रभावित इलाकों के लिए 9 हजार रुपये प्रति एकड़ जो घोषणा की है उससे राहत जरूर मिलेगी. आर्थिक तौर पर किसानों के लिए सरकार ने जो पहल की वह सराहनीय है.

उम्मीद है कि आगे सब बेहतर होगा- डमरूधर पटेल

जाँजगीर-चाँपा जिले के डभरा निवासी किसान डमरू धर का कहना है कि अवर्षा से इलाके किसान परेशान है. नहर से पानी मिला है, लेकिन अभी और पानी की जरूरत है. जाँजगीर जिला धान उत्पादक जिला है. वहीं यह जिला पलायन के लिए भी जाना जाता है. ऐसे में सूखा घोषित से पूर्व अगर सरकार ने 9 हजार रुपये प्रति एकड़ जो ऐलान कर दिया वह बड़ी बात है. उम्मीद है कि आगे सबस बेहतर होगा.

ये हरय हमर असल किसनहा भूपेश सरकार- परमेश्वर साहू

मुंगेली जिले के ग्राम ढोठमा निवासी किसान परमेश्वर साहू का कहना है कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में निश्चित एक बड़ा फैसला लिया है. सूखे की इस विपरीत परस्थिति में प्रति एकड़ 9 हजार रुपये मिलना किसानों के लिए आर्थिक तौर पर बड़ी राहत है. उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने जो फैसला लिया है ऐसा कभी किसी सरकार ने नहीं लिया है. सिरतोन में भूपेश सरकार ह असल किसनहा सरकार हरय.

भूपेश सरकार किसान हितैषी सरकार- तुलाराम और धुनीराम

मुंगेली के छतौना निवासी तुलाराम एवं धुनीराम का कहना है कि समय पर बारिश नहीं होने से इस सत्र में फसल को लेकर किसान बेहद चिंतित है. इस बीच में राज्य में भूपेश सरकार ने सुखद सहायता राशि 9 हजार रुपये देने का प्रभावित किसानों को जो राहत दी है. उससे किसानों को बड़ी राहत मिली है. बगैर मुआयना किये किसानो को सरकार ने जो राहत राशि देने का ऐलान किया है उससे यह सिद्ध होता है कि वाकई में छत्तीसगढ़ सरकार किसान हितैषी सरकार है.

किसानों के लिए संजीवनी- संजय कुमार

मुंगेली जिले के ग्राम पंचायत जरहागाँव निवासी युवा किसान संजय ने कहा है कि जब से राज्य में सरकार बनी है, तब से सरकार किसानों के लिए नित नए फैसले ले रही है. अभी एक तो कोरोना काल,पर्याप्त बारिश नही,और आर्थिक तंगी, ऐसे समय में सरकार ने प्रभावित किसानों को जो राशि देने का ऐलान किया है कहीं न कही संजीवनी का काम करेगा.

किसान नेताओं ने भी भूपेश सरकार के फैसले की तारीफ की है. किसानों ने तो भूपेश सरकार के लिए यहाँ तक कह दिया है कि ऐसा वही सरकार सोच सकती, जो किसानों की पीड़ा को, खेती-किसानी को समझती हो. सच में हमारे असल ‘किसनहा सरकार है’. वहीं किसानों ने केंद्र और राज्य की तुलना भी कर दी कि एक तरफ केंद्र की सरकार किसानों पर जुल्म कर रही, दूसरी ओर राज्य की भूपेश सरकार किसानों के हित में लगातार निर्णय ले रही है.

सरकार के इस फैसले को लेकर किसानों ने क्या कुछ कहा यह बताने से पहले आपको यह बता दें कि राज्य में अभी सूखे को लेकर किस तरह की स्थिति है ?

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