जरा याद इन्हें भी कर लो… : तमिलनाडु में कुन्नूर के पास बुधवार को एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त (Helicopter Crash) हो गया. जिसमें देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) के साथ भारतीय सेना (Indian Army) के सात अधिकारी व जवान और भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के चार अधिकारियों ने अपनी जान गंवा दी. तमिलनाडु के वेलिंगटन में स्थित सैन्य अस्पताल में सेना के डॉक्टरों ने 13 मृतकों में से जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर (Brigadier LS Lidder) के शवों की पहचान कर ली है और शुक्रवार 10 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार (Last Rites of Soldiers) किया जा रहा है. अन्य के शवों की पहचान नहीं हो पाई है और इसके लिए डीएनए टेस्ट (DNA Test) का सहारा लिया जा रहा है. जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के बारे में आपने अब तक काफी कुछ जान लिया होगा. चलिए जानते हैं इस हादसे में जान गंवाने वाले अन्य अधिकारियों और जवानों के बारे में…
दुर्घटना में जान गंवाने वाले भारतीय सेना के जवान :
- ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर (Brigadier LS Lidder)
ब्रिगेडियर लिद्दर को दिसंबर 1990 में जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला. जनवरी 2021 से वह सीडीएस के लिए डीए के तौर पर नियुक्त थे. मेजर जनरल के रूप में पदोन्नति के लिए स्वीकृत होने के बाद उन्हें एक डिवीजन की जिम्मेदारी संभालनी थी. उत्तरी सीमाओं में कमान ब्रिगेड रहे. एनडीए में प्रशिक्षक और सैन्य संचालन निदेशालय में निदेशक रहे. - लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह (lieutenant colonel Harjinder Singh)
2/11 गोरखा राइफल्स; सितंबर 2001 में ओटीए, चेन्नई से कमीशन मिला. वह आईएमए, देहरादून में प्रशिक्षक थे. पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में अपनी सेवाएं दीं. इसके अलावा, वह सिक्किम स्काउट्स में भी रहे. वह कोर मुख्यालय में स्टाफ ऑफिसर भी रहे. - लांस नायक बी. साई तेजा (lance naik b sai teja)
लांस नायक बी. साई तेजा 11 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे. जून 2013 में शामिल होने वाले तेजा ने चीन के साथ सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में अत्यधिक ऊंचाई पर अपनी सेवाएं दीं. वह मणिपुर और नागालैंड में आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा रहे. मिश्रित मार्शल आर्ट, निहत्थे युद्ध और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ रहे. - लांस नायक विवेक कुमार (lance naik Vivek Kumar)
लांस नायक विवेक कुमार 1 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे. दिसंबर 2012 में शामिल होने वाले कुमार ने दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में अपनी सेवाएं दीं. इसके अलावा उन्होंने स्पीति से आगे भारत-चीन सीमा के पास भी जिम्मेदारी संभाली. उन्हें कॉम्बैट फ्रीफॉल में विशेषज्ञ, संचार विशेषज्ञ और निहत्थे युद्ध में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जाना जाता था. - लांस नायक जितेंद्र कुमार (lance naik Jitendra Kumar)
लांस नायक जितेंद्र कुमार 3 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे. मार्च 2011 में शामिल होने वाले जितेंद्र कुमार ने भारत-पाक सीमा के साथ डेजर्ट सेक्टर में, पिथौरागढ़ के पास भारत-चीन सीमा पर और जम्मू-कश्मीर में सेवाएं दीं. वह स्नापर विशेषज्ञ और संचार में विशेषज्ञ थे. - नायक गुरसेवक सिंह (naik Gursevak Singh)
नायक गुरसेवक सिंह 9 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे. मार्च 2004 में शामिल होने वाले सिंह ने लद्दाख, पुंछ-राजौरी, दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में सेवाएं दी हैं. एक विध्वंस विशेषज्ञ, निहत्थे युद्ध और करीबी लड़ाई के विशेषज्ञ थे. - हवलदार सतपाल राय (Havaldar Satpal Rai)
हवलदार सतपाल राय 5/11 गोरखा राइफल्स से जुड़े हुए थे. मार्च 2002 में शामिल होने वाले राय ने सियाचिन, नौशेरा, नागालैंड और मणिपुर में सेवाएं दीं. उनका बेटा पिछले एक साल से उसी यूनिट में कार्यरत है.
दुर्घटना में जान गंवाने वाले भारतीय वायु सेना के जांबाज जवान :
- विंग कमांडर पी. एस. चौहान (wing commander PS Chauhan)
विंग कमांडर पी. एस. चौहान को जून 2002 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला. उनका संबंध आगरा से था. - स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप (squadron leader Kuldeep)
स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप को जून 2015 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला. वह घरदाना खुर्द, राजस्थान के रहने वाले थे. - जेडब्ल्यूओ आर. पी. दास (JWO R P Das)
जून 2006 में आईएएफ में शामिल होने वाले जेडब्ल्यूओ आर. पी. दास एक फ्लाइट इंजीनियर थे, जो ओडिशा के अंगुल के रहने वाले थे. - जेडब्ल्यूओ ए. प्रदीप (JWO A Pradeep)
जेडब्ल्यूओ ए. प्रदीप जनवरी 2004 में वायु सेना से जुड़े थे. वह एक फ्लाइट गनर थे, जो केरल के त्रिशूर के रहने वाले थे.