वर्चस्व दांव पर, चुनावी बिसात पर मात न खाए मत

 रायपुर। चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव में प्रचार का शोर थम चुका है। राजनीतिक पार्टियों ने प्रत्याशियों की जीत के लिए आदिवासियों के सामने वादों और उम्मीदों का जो दांव खेला है, उसका परिणाम तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि सीट किसके पाले में गिरती है। लेकिन यह जानते हुए भी कि इस जीत से सत्ता पक्ष और विपक्ष में कुछ खास बदलाव नहीं होंगे। राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जहां दंतेवाड़ा उपचुनाव जीतने के बाद 68 सीटों पर काबिज कांग्रेस चित्रकोट सीट जीतकर 69 सीटों पर आ सकती है। तो वहीं विपक्षीय दल भाजपा के जीतने पर इनकी सीटें 14 से बढ़कर 15 हो सकती है। बावजूद इसके चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव में पार्टी समेत दिग्गज नेताओं का शक्ति प्रदर्शन विधायक चुनाव से इतर वर्चस्व की लड़ाई साबित हो रहा है।

एक ओर भूपेश सरकार विकास मॉडल से तो दूसरी ओर भाजपा ने मोदी और राष्ट्रवाद के नाम पर प्रचार किया। लेकिन इस सब से दूर स्थानीय मुद्दे दरकिनार रहे। प्रदेश में आगामी नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए यह चुनाव अहम माना जा रहा है।

हां इस जीत से मुख्यमंत्री भूपेश को एक बार फिर से पीठ थपथपाने का मौका मिल जाएगा। वहीं अपनी दंतेवाड़ा सीट गवां चुकी भाजपा बस्तर संभाग में अपना वजूद कायम रखने में कामयाब रहेगी। लेकिन इन सबसे परे चित्रकोट के आम आदिवासी मतदाताओं एक सशक्त और बेहतर उम्मीदवार चुनने की जरूरत है। जो उपचुनाव में राजनीति की भेंट चढ़ चुकी उनकी आम समस्याओं और मुद्दों को सुलझाने का माद्दा रखता हो।

1977 से 10 बार हुए विधानसभा चुनाव

चित्रकोट विधानसभा की बात करें तो 1977 से 2018 तक 10 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस सीट से पार्टी ने पांच बार जीत हासिल की। वहीं कांग्रेस अब तक चार बार जीती है। 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में लखन जयसिंह ने जनता पार्टी से जीत हासिल की थी। जो बाद में भाजपा में भी जारी रहा। वहीं छत्तीसगढ़ बनने के बाद भी भाजपा ने इस सीट से 2003 और 2008 में जीत का परचम लहराया। लेकिन 2013 के बाद से यह सीट कांग्रेस के पाले में जा गिरी। इस सीट से 2013 और 2018 में भाजपा को मात देकर कांग्रेस ने अपना दबदबा कायम रखा।

कभी पड़ते थे 29 फीसद, आज 80 प्रतिशत तक मतदान

बस्तर संभाग के आदिवासी बहुल चित्रकोट विधानसभा में छत्तीसगढ़ बनने के बाद से मतदान के प्रति यहां के आदिवासियों में एकाएक परिवर्तन नजर आया। जहां इस सीट पर 1977 से 1998 तक के विधानसभा चुनाव में 21.89 से अधिकतम 29.61 प्रतिशत तक ही मतदान होते थे। वहीं छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद पहली बार यहां 2003 में विधानसभा चुनाव में 49.73 फीसद मत पड़े। 2008 की बात करें तो 64.71 प्रतिशत मत, 2013 में 78.89 प्रतिशत मत, वहीं 2018 में यह आंकड़ा बढ़कर 79.11 प्रतिशत हो गए।

छह प्रत्याशी मैदान में

चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव से छह प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें भाजपा के लच्छूराम कश्यप और कांग्रेस राजमन बेंजाम के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे से बोमड़ा मंडावी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अन्य प्रत्याशियों में हिड़मो राम मंडावी सीपीआइ, लखेश्वर कवासी एपीआइ और रितिका कर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में है।

विधानसभा में मतदाता

पुस्र्ष मत : 79218

महिला मत : 88503

कुल : 167722

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