उज्जैन। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी शुक्रवार से पांच दिवसीय दीपपर्व का आगाज होगा। इस बार धनतेरस पर समृद्धि देने वाला ऐंद्रयोग रहेगा।महापर्व पर पांच घंटे सर्वार्थसिद्धि योग की साक्षी भी रहेगी। ज्योतिषियों के अनुसार शुभयोगों में घर परिवार में स्थायी समृद्धि के लिए हर प्रकार की खरीदी विशेष शुभ है।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, धन व संपन्न्ता के पांच दिवसीय पर्व दीपावली की शुरुआत धनतेरस से मानी जाती है।इस दिन धन के अधिष्ठात्र देव कुबेर व आरोग्य के देवता धन्वंतरि के पूजन का विधान है। शुक्रवार को धनतेरस पर सुबह सर्वार्थसिद्धि तथा शाम को प्रदोषकाल में ऐंद्रयोग विद्यमान रहेगा। इन योगों में की गई खरीदी शुभ तथा समृद्धि देने वाली मानी गई है। इस दिन खासतौर पर बैठी हुई लक्ष्मी अंकित चांदी के सिक्के, सोने व चांदी के आभूषण, चांदी तथा तांबे के यंत्र, देवी-देवताओं की अष्ट धातु व पीतल की मूर्तियां, बर्तन, बही खाते, कलम दवात, पंचाग, धर्मिक पुस्तकें, भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, वस्त्र, होम एप्लाइंसेस, लाईफ इंश्योरेंस पॉलिसी आदि की खरीदी चिर स्थायी रहेगी।
यम के निमित्त करें दीपदान धनतेरस से भाई दूज तक पांच दिन अज्ञात भय की निवृत्ति तथा अपघात दोष निवारण के लिए यम के निमित्त दीपदान का विशेष महत्व है। मकान की छत पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तिल्ली के तेल से यम देवता के निमित्त दीपदान करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ कास शास्त्रोक्त उपाय करने से मानव की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और उसको धन-समृद्धि के साथ आरोग्य और एश्वर्य की प्रप्ति होती है।