रायपुर। छत्तीसगढ़ ने देश में एक बार फिर रि-पोल फ्री स्टेट होने का ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ देश का इकलौता ऐसा राज्य बन गया है जहां पुनर्मतदान की स्थिति निर्मित नहीं हुई। चाहे वह विधानसभा और लोकसभा के आम निर्वाचन हों या दंतेवाड़ा व चित्रकोट का उप-निर्वाचन। सभी तरह के निर्वाचनों में प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है। कुशल निर्वाचन प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ पूरे देश में मॉडल के रूप में उभरा है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अनुसार छत्तीसगढ़ देश का ऐसा इकलौता राज्य है, जहां मतदाता सूची की कोई शिकायत नही आई। निर्वाचन के दौरान ईवीएम लूटपाट की कोई घटना नहीं हुई। मतदान के दौरान तकनीकी रूप से सबसे कम ईवीएम को बदलने की आवश्यकता पड़ी। कोई भी नक्सली वारदात नहीं हुई। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद इन क्षेत्रों में सर्वधिक मतदान हुआ। सीईओ सुब्रत साहू ने छत्तीसगढ़ की इन उपलब्धियों का श्रेय टीम भावना से किए गए कार्य को दिया है।
छत्तीसगढ़ में भारत निवार्चन आयोग के मार्गदर्शी बिंदुओं के अनुरूप बेहतर प्रशिक्षण मॉड्यूल के चलते किसी भी रिटनिंग ऑफिसर या सहायक रिटनिंग ऑफिसर को बदलने की नौबत नहीं आई। मतदान दलों के निर्धारित गंतव्य स्थलों में रवानगी के दो घंटें पहले प्री-पैक्ड पोलिंग मटेरियल्स सुरक्षित रखे गए, जिससे समय की बचत हुई।
एक वर्ष में विधानसभा, लोकसभा के साथ दो उपचुनाव
राज्य में पिछले नवंबर से अब तक विधानसभा और लोकसभा के मुख्य चुनाव के साथ दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो चुके हैं। नवंबर- दिसंबर 2018 में विधानसभा, अप्रैल- मई 2019 में आम चुनाव, सितंबर- अक्टूबर 2019 में दंतेवाड़ा और चित्रकोट विधानसभा उप चुनाव शामिल है।