नई दिल्ली. वर्ल्ड बैंक (World Bank) के अध्यक्ष डेविड मालपास (David Malpass) ने कॉरपोरेट टैक्स दर (Corporate Tax Rate) में कटौती के लिए modi कदम की सराहना की. वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी से निपटने के लिए विश्व बैंक के अध्यक्ष ने सुझाव भी दिया.
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा, कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से भारत को बड़ा फायदा मिल सकता है. बता दें कि सरकार ने पिछले महीने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया.
वैश्विक कारकों से प्रभावित हो रहा भारत का विकास
भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी पर बोलते हुए विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा वैश्विक कारकों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है. पहले के वर्षों में तेजी से विकास हुआ था. उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में सुधार और नई तकनीक देश में विकास में मदद करेगा. प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य बहुत ही मजबूत दृष्टिकोण है.
इन सेक्टर्स में सुधार की गुंजाइश
उन्होंने यह भी कहा कि 2024-25 तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में वित्तीय क्षेत्र में नवाचार महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने आगे कहा, हालांकि भारत ने वित्तीय क्षेत्र में प्रगति की है. परन्तु बैंकिंग क्षेत्र, सैडो बैंकिंग और पूंजी बाजार में और सुधार की गुंजाइश है. तीन प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति को प्रोत्साहित करें. एक तो निजी क्षेत्र सहित स्वयं बैंकिंग क्षेत्र की वृद्धि की अनुमति देना है. दूसरा, कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट और मॉर्गेज मार्केट का गहरा होना और तीसरा गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों का विनियमन है जो भारतीय वित्तीय प्रणाली के साथ बढ़ी हैं, लेकिन कुछ जोखिमों को बढ़ाती हैं.
भारत को 6 अरब डॉलर सालाना का ऋण समर्थन जारी रहेगा
डेविड मालपास ने कहा कि विश्व बैंक भारत को 6 अरब डॉलर (42,000 करोड़ रुपये) सालाना लक्ष्य के अनुरूप लोन समर्थन देना जारी रखेगा. वर्तमान में विश्व बैंक की मदद से देश में 97 परियोजनाएं चल रही हैं. मालपास ने मीडिया से बातचीत में कहा, विश्व बैंक के पास 24 अरब डॉलर (1.68 लाख करोड़ रुपये) की लोन प्रतिबद्धता वाली 97 परियोजनाएं हैं. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि कार्यक्रम जारी रहे और भारत में चल रही परियोजनाओं और सुधारों को परिलक्षित करता रहे. यह सालाना 5-6 अरब डॉलर का हो सकता है.
मालपास ने कहा भारत ने तेजी से सुधार को आगे बढ़ाया है जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस वाले देशों की सूची में इसकी रैंकिंग में सुधार हुआ है और यह अभी 63वें पायदान पर है. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्र है जिसमें सुधार की जरूरत है और इसमें सुधार होने से भारत की रैंकिंग और बेहतर हो जाएगी. उन्होंने जिला स्तर पर व्यावसायिक अदालतें बनाए जाने की बात कहते हुए कहा कि कारोबार से जुड़े मामलों से निपटान में तेजी आनी चाहिए.