भोपाल के बंटवारे और महापौर चुनाव पर सियासी पारा चढ़ा, BJP नेताओं ने की राज्यपाल से मुलाकात

भोपाल। भोपाल नगर निगम के बंटवारे और महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह भारतीय जनता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और राज्य सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह के अलावा पूर्व सीएम शिवराज सिंह और कई बड़े नेता मौजूद रहे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने आरोप लगाए कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार नगरीय निकायों को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।

ज्ञापन में बताया गया है कि भोपाल समेत प्रदेश के अन्य नगर निगमों का पुनर्गठन करने की कोशिशें की जा रही हैं तो दूसरी ओर महापौर और अध्यक्ष के चुनाव में अप्रत्यक्ष प्रणाली का उपयोग करने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। ज्ञापन में नगर पालिक निगम अधिनियम की विभिन्न धाराओं का उल्लेख करते हुए यह बताया गया है कि नगर निगमों में बंटवारे की घोषणा के लिए राज्यपाल किसी पर निर्भर नहीं हैं। यह राज्यपाल के स्वविवेक पर आधारित है। इसकी विभिन्न धाराओं में प्रावधान है कि मंत्री परिषद, सचिव या कलेक्टर इस बारे में किसी भी प्रकार की अधिसूचना जारी नहीं कर सकते हैं। जिसके कारण भोपाल नगर निगम में दो नगर निगम के बंटवारे को लेकर जारी की गई अधिसूचना असंगत है। साथ ही जिन धाराओं का उल्लेख किया गया है वह नगर निगम के परिसीमन से जुड़ी हैं लेकिन उसके बंटवारे से उनका कोई संबंध नहीं है। भाजपा नेताओं ने भोपाल नगर निगम को दो भागों में बांटने के निर्णय को अदूरदर्शी, असंगत, अप्रासंगिक, विकास की गति को रोकने वाला और खर्चिला बताया है।

प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि इस विघटन को रोकने के लिए भाजपा ने प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान चलाए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर लोग जुड़े, उन्होंने नगर निगम के बंटवारे के खिलाफ पत्रक पर हस्ताक्षर किए हैं।

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