पूर्व सांसद और श्रमिक नेता गुरुदास दासगुप्ता को श्रम संगठनों ने दी श्रद्धांजलि

कोरबा,  हिंदुस्तान में ट्रेड यूनियन आंदोलन को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने वाले नेता एटक के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद गुरुदास, दासगुप्ता का कोरबा से गहरा नाता रहा है। आंदोलन के दौरान उनका कोरबा प्रवास भी हुआ। उनके निधन पर एटक को जबरदस्त झटका लगा है। शोकसभा आयोजित कर संगठन के कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी।

एसईसीएल कोरबा क्षेत्र स्थित एटक कार्यालय में आयोजित शोकसभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता दीपेश मिश्रा ने बताया कि 83 साल के गुरुदास दासगुप्ता 1985 से तीन बार राज्यसभा सांसद तथा 2004 और 2009 में लोकसभा सांसद प्रतिनिधित्व किया। इसके साथ ही वे 2001 से 2017 तक एटक के राष्ट्रीय महासचिव रहे और अस्वस्थता के कारण कामरेड अमरजीत कौर को एटक महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी।

2009 मे कांग्रेस के नेतृत्व में जब यूपीए-टू की सरकार थी, उस समय सरकार के जन विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध करने के लिए इंटक, भारतीय मजदूर संघ सहित देश के समस्त केंद्रीय मजदूर संगठनों को एक प्लेटफार्म में लाकर सरकार के जनविरोधी आर्थिक नीतियों का विरोध करने के लिए सात सितंबर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल उनके नेतृत्व मे किया गया, जिसका असर जमीन से लेकर आसमान तक रहा। देश में पहली बार हवाई क्षेत्र से लेकर सारे उद्योग पूरी तरह ठप रहा।

दासगुप्ता में नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता थी। उन्होंने सभी केंद्रीय श्रम संगठनों का जो मंच खड़ा किया, आज भी वह कायम है। मिश्रा ने बताया कि कोरबा से दासगुप्ता का गहरा लगाव था। उनका कई बार कोरबा आगमन हुआ और एटक कार्यालय कोरबा का उद्घाटन भी किया।

दासगुप्ता को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित शोक सभा में उमेश शर्मा, कमर बख्श, धर्मा राव, राजू श्रीवास्तव, राजेश पांडे, सुभाष सिंह, एनके साव, सुबोध सागर, राजेश दुबे, उज्जवल बनर्जी, रेवत मिश्रा, महेंद्र प्रताप सिंह, प्रमोद सिंह, प्रमोद धर दीवान, संजय सिंह, ज्ञान चंद साहू, सुबोल दास, रमाकांत शर्मा, देवाशीष डे, राजकुमार साहू, एसके प्रसाद, एसएन गिरी, सौखीलाल चंद्रा, रामजी साहू, विश्वजीत मुखर्जी, जाय मुखर्जी, संतोष चंद्राकर, अशोक रजक, अरूण राठौर, जवाहर चंद्रा, सुनील राठौर समेत अन्य उपस्थित रहे।

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