रायपुर। राजधानी के आसपास जिलों समेत प्रदेश भर के किसान चिंतित हैं, क्योंकि शासन ने धान खरीदी की तिथि 15 दिन आगे बढ़ा दी है, दूसरी ओर बदली छाई हुई है। पिछले महीने हुई बेमौसम बरसात के कारण धान की फसल को काफी नुकसान हुआ, अच्छे उत्पादन की उम्मीद कर रहे किसानों के माथे पर बरसात ने पसीना ला दिया। अर्ली वेराइटी की फसल की कटाई के बाद सुखाने में दिक्कत हो रही है। नमी की वजह से धान की बाली काली होने लगी है। ऐसी स्थिति में फिर बारिश होगी को अन्नदाता को भारी नुकसान होगा।
खलिहानों में पड़ा धान
पिछले महीने हुई बरसात के कारण खेतों में पानी भर गया है, कट चुका धान खेत में ही पड़ा रहा। कई जगह धान की बाली पानी में डूब गई थी, जिसे खलिहान में रखा गया है। धान में नमी होने से फसल के खराब होने की आशंका है। बारिश से बर्बाद फसलों की रिपोर्ट बीमा कंपनियों के कर्मचारी अभी तक तैयार कर पाए हैं, जबकि 72 घंटे बाद ही कंपनी को रिपोर्ट को विभाग देना होता है। ज्ञात हो कि अभनपुर, धमतरी जिले के अधिकांश गांवों में अर्ली वेराइटी की धान की फसल ली जाती है, जिनमें आरबी गोल्ड, बलवान, एक हजार दस, महामाया के साथ हाईब्रीड धान शामिल हैं। बेमौसम बरसात से फसल चौपट हो गई, जिससे किसान चिंतित हैं।
खरीदी की तिथि बढ़ने से चिंतित
रायपुर से सटे जिले के किसान धान खरीदी की तिथि बढ़ने से चिंतित हैं। खेत में तैयार फसल की कटाई कर ली है। खलिहान में जगह नहीं है। अब वे इसे रखने, मजदूरी, थ्रेसिंग का किराया देने आदि को लेकर चिंतित हैं। प्रदेश में धान का कुल रकबा 38 लाख हेक्टेयर है। रायपुर जिले में 1 लाख 57 हजार 300 हेक्टेयर में सभी तरह की वेराइटी की धान की फसल लगाई गई है।
वर्सन
प्रभावित क्षेत्रों के किसान स्वयं प्रभावित फसल की रिपोर्ट तैयार कर लें। बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर पर आवेदन दर्ज कराएं, उसका रिकार्ड संभालकर रखें।
– डॉ. जीके दास, मौसम वैज्ञानिक, आइजीकेवी