कैथलैब मशीन को तीसरे ‘हार्ट अटैक’ से बचाने 3.50 करोड़ रुपये जारी, स्वास्थ्य मंत्री ने हार्ट सर्जरी शुरू करने दिए 75 दिन

रायपुर।

राज्य सरकार ने एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (एसीआइ) क ी कैथलैब मशीन के उपचार का फैसला कर लिया है। मशीन अपग्रेडेशन के लिए आवश्यक 3.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। यानी अब मशीन न सिर्फ अपग्रेड हो जाएगी, बल्कि इसकी आंबेडकर अस्पताल से एसीआइ में शिफ्टिंग भी हो सकगी।

30 अक्टूबर को ‘हार्ट मशीन को आ चुके दो ‘अटैक’ अब आखिरी मौका’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस पर संज्ञान लिया। पांच दिन बाद सोमवार को विभाग के अफसरों की बैठक बुलाई। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक, चिकित्सा शिक्षा संचालक से अतिरिक्त संचालक डॉ. निर्मल वर्मा, मेडिकल कॉलेज रायपुर डीन डॉ. आभा सिंह, आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के एमडी भुवनेश यादव मौजूद थे। बैठक में एसीआइ का मुद्दा उठा। तत्काल एसीआइ में कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, कॉर्डियक थोरोसिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. केके साहू को बुलाया गया। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा- सर, मशीन अपग्रेडेशन जरूरी है। कंपनी ने लिखकर दे दिया है कि अगर समय रहते अपग्रेडेशन नहीं हुआ और मशीन बिगड़ी तो बनाना संभव

नहीं होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- क्या अब तक पैसा जारी नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक सचिव ने कहा- जारी कर दिया गया है। वहीं मंत्री ने डॉ. साहू से पूछा हार्ट सर्जरी कब तक शुरू करेंगे? डॉ. साहू ने कहा- सर, ओटी नहीं है। कुछ उपकरण भी नहीं हैं। स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया भी होनी है। मंत्री ने डीन से कहा- मैं 75 दिन देता हूं, हार्ट की सर्जरी शुरू हो जाए। भर्ती की प्रक्रिया आप अपने स्तर पर करें। बैठक में मौजूद उच्च अधिकारियों ने बताया कि मंत्री एसीआइ में हार्ट से जुड़ी हुई सभी सुविधाएं जल्द से जल्द चाहते हैं, ताकि मरीजों को निजी अस्पताल या फिर प्रदेश से बाहर का रुख न करना पड़े।198 पद हैं स्वीकृत- कॉर्डियक थोरोसिक सर्जरी विभाग के लिए 198 पद स्वीकृत हैं, जिनमें डॉक्टर्स से लेकर नर्स तक शामिल हैं। जबकि कॉर्डियोलॉजी के पदों का प्रस्ताव गया हुआ है।

1.30 बजे तक ड्यूटी करनी होगी डॉक्टर्स को- स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को आदेशित किया कि सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स सुबह 8ः30 बजे से दोपहर 1ः30 बजे तक ड्यूटी करनी होगी। मेडिकल कॉलेज डीन, अस्पताल अधीक्षकों को कहा गया है कि वे इस आदेश का पालन करवाएं। कार्रवाई करें।

सीजीएमएससी नहीं कर रही सप्लाई तो एम्स का रेट लें- सीजीएमएससी के काम से स्वास्थ्य मंत्री खुश नहीं है। सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से उपकरणों की समय पर सप्लाई में देरी, दवाओं की अस्पतालों में कमी से लेकर तमाम शिकायतें हुई हैं। यही वजह है कि मंत्री ने विभागीय अफसरों को कह दिया है कि आवश्यक उपकरणों की खरीदी या तो एचएलएल रेट पर या फिर एम्स के रेट पर कर लें। कोई काम प्रभावित नहीं होना चाहिए।

 

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