बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर के पामेड़ के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में 151वीं बटालियन के जवान कांता प्रसाद के शहीद होने की खबर है। बताया जा रहा है कि जवान पामेड़ वन अभ्यारण्य क्षेत्र के जंगलों में गश्त पर निकले थे, इसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में टीम के साथ चल रहे कांस्टेबल कांता प्रसाद को गोलियां लगीं। जवाबी फायरिंग करते हुए जवानों ने नक्सलियों का पीछा किया। दोनों ओर से करीब आधे घंटे तक गोलियां चलती रहीं, लेकिन घने जंगलों की आढ़ लेकर नक्सली भाग खड़े हुए। मुठभेड़ में गोली लगने के बाद जवान कांता प्रसाद को वहां से नजदीकी अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) जीएच राजू ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीआरपीएफ की 151 बटालियन और छत्तीसगढ़ पुलिस की कोबरा बटालियन 204 कोबरा बटालियन के जवानों की संयुक्त पार्टी बीजापुर में सर्चिंग ऑपरेशन पर निकली थी। इसी दौरान नक्सलियों की टुकडड़ियों से गुस्र्वार की अलसुबह 3 बजकर 50 मिनट पर पामेड़ थाना क्षेत्र के जारपल्ली इलाके के जंगलों में इनकी मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में एक कांस्टेबल कामता प्रसाद को गोली लगी और वे शहीद हो गए। कांस्टेबल कामता प्रसाद उत्तरप्रदेश के कौशंबी जिले के मंजनपुर ब्लॉक के अलावाल गांव के रहने वाले हैं।
मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षा बल घटना स्थल पर सर्चिंग कर रहे हैं। इस मुठभेड़ में नक्सलियों की ओर किसी क्षति की खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि घटना स्थल पर बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद थे और फोर्स को एंबूश में फंसाने की फिराक में बैठे थे। जवानों ने सजगता का परिचय देते हुए नक्सलियों पर जवाबी कार्रवाई की और फिर खुद को कमजोर पाता देख नक्सली वहां से भाग गए। बता दें कि पामेड़ वन परिक्षेत्र बीजापुर के सर्वाधिक घने जंगलों वाले इलाके में से एक है। यहां घने जंगलों का फायदा उठाकर नक्सली ट्रेनिंग कैंप स्थापित करने की कोशिश करते रहते हैं।