नई दिल्ली
रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति के तहत पिछले 9 महीनों में रेपो रेट का 2.50 फीसदी बढ़ जाना, फिक्स्ड डिपॉजिट निवेशकों के लिए यह वास्तव में एक अच्छी खबर है, क्योंकि बैंक डिपॉजिट दरें बढ़ाएंगे। जमा की दर भी कुछ मार्जिन से बढ़ जाएगी, जिससे एफडी अधिक आकर्षक हो जाएगी और निश्चित आय का स्रोत प्रदान करेगी। इसके कारण अधिक लोग एफडी में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगे, जिससे बाजार में फ्री फ्लोटिंग मनी की कमी पैदा होगी। इससे बदले में बैंकों के खुदरा ग्राहकों द्वारा किए जाने वाले खर्च में कमी आएगी। विशेषज्ञ कहते हैं, ‘निश्चित आय योजनाओं में निवेश करने का यह अच्छा समय है। निवेशक कम अवधि की श्रेणी में और मध्यम से लंबी अवधि की श्रेणी में निवेश कर सकते हैं।’
छह बार में इतनी हुई बढ़ोतरी
6.5 फीसदी (+0.25) 8 फरवरी, 2023
6.25 फीसदी (+0.35) 7 दिसंबर, 2022
5.90 फीसदी (+0.50) 30 सितंबर, 2022
5.40 फीसदी (+0.50) 5 अगस्त, 2022
4.90 फीसदी (+0.50) 8 जून, 2022
4.40 फीसदी (+0.40) 4 मई, 2022
4.0 फीसदी 9 अक्टूबर, 2020
रेपो रेट क्या है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी भी बैंक को आरबीआई की तरफ से कर्ज दिया जाता है। बैंक इसी के आधार पर ग्राहकों को कर्ज देते हैं। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा राशि पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने पर बैंकों के ऊपर बोझ बढ़ता है और इसकी भरपाई ब्याज दर बढ़ाकर बैंक ग्राहकों से करते हैं। रिजर्व बैंक रेपो रेट को महंगाई को बढ़ने से रोकने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है। जब खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ती है तो रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाकर लोन को महंगा बनाने की कोशिश करता है। इससे अर्थव्यवस्था में मांग घटाने में मदद मिलती है।
ये है EMI का गणित
आपकी मासिक किस्त पर पड़ेगा असर: मासिक किस्त की वृद्धि इस बात पर निर्भर करेगी कि होम लोन की कितनी अवधि बाकी है। अगर अवधि बहुत ज्यादा बची है तो आप पर ब्याज बढ़ने का ज्यादा असर पड़ेगा।
उदाहरण 1- 20 साल की अवधि वाले 30 लाख रुपये के होम लोन पर एक साल में ब्याज सात फीसदी से बढ़कर 9.25 फीसदी हो गया है तो अवधि में बदलाव न करने पर किस्त 23,258 रुपये से बढ़कर अब 27,387 रुपये हो जाएगी।
उदाहरण 2- ताजा वृद्धि के बाद 20 साल के 50 लाख रुपये के होम लोन पर ब्याज दर नौ फीसदी से बढ़कर 9.25 फीसदी होने पर आपकी 45,793 रुपये की मासिक किस्त में 807 रुपये का इजाफा हो जाएगा। अगर आप किस्त नहीं बढ़वाते हैं तो आपके कर्ज की अवधि 14 महीने बढ़ जाएगी।
कर्ज लेने वालों के पास विकल्प
1. साल में एक बार किस्त पांच फीसदी बढ़ाएं। इससे आपकी अवधि कम होने लगेगी।
2. यदि आप साल में एक बार बकाया राशि का पूर्व भुगतान करते हैं तो 20 वर्ष का ऋण 12 वर्षों में चुकाया जा सकता है।
3. यदि दरों में बढ़ोतरी ने आपकी कर्ज की अवधि को 20 से बढ़ाकर 25 वर्ष कर दिया है तो अगले 10 वर्ष के लिए
ईएमआई में बदलाव के साथ बकाया कर्ज का 10% पूर्व भुगतान करें।
4. फ्लोटिंग ब्याज दर का विकल्प चुनें।
5. अपने ऋण को पूर्व भुगतान करने का प्रयास करें, विशेष रूप से कर्ज की शुरुआती अवधि में।
6. अपनी बचत के साथ अनुशासित रहें।
7. अच्छा क्रेडिट बनाए रखें।
8. बेहतर ब्याज दरों की पेशकश करने वाले वित्त स्रोतों की पड़ताल करें।