शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही कर रही शासन प्रशासन,माओवादी ने पर्चा जारी कर लगाया आरोप।

बीजापुर-बीजापुर जिले की शिक्षा व्यवस्था को लेकर माओवादियों ने लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए छात्र-छात्रों के लिए प्रेस विज्ञाप्ति जारी किया है।

माओवादियों ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि जिले की शिक्षा व्यवस्था के नाम से जिले के सभी स्कूलों को निजीकरण के साथ भगवाकरण बनाने में लगे हैं। अंदरूनी क्षेत्र के अधिकतर स्कूलों में एक ही शिक्षक है उन शिक्षकों को भी पोटा केबिन अधीक्षक और अधीक्षिका बनाकर दोनों जगह के प्रभार में नियुक्त कर रहे हैं।

जिले के नयापारा तुमनार स्कूल में एक शिक्षक था जिसे अधीक्षक बनाया गया,जिसके चलते स्कूल में शिक्षक नहीं है,स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हैं कहकर निजी हाथों में देने की बात कही है।

माओवादियों ने आगे लिखा है आश्रम और पोटाकेबिन मैं शिक्षक को अधीक्षक नहीं बनाना चाहिए उन स्थानों पर अलग से अधीक्षक का भर्ती होना चाहिए। आश्रम और पोटा केबिन के अधीक्षकों के चलते शिक्षा व्यवस्था चरमरा सा गया है।

जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षक का ट्रांसफर हुआ है वहां के शिक्षकों को बिना रिलीवर के स्कूलों को छोड़ दिया,जिसकी वजह से स्कूलों में शिक्षक नहीं है।आउटसोर्सिंग होने की वजह से स्थानीय युवाओं को बेरोजगार होना पड़ रहा है।

राज्य सरकार के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देकर बेरोजगारी से मुक्त करेंगे यह कहकर  सरकार में आई पर अभी तक बेरोजगारों के लिए कुछ भी काम नहीं किया है,यह सरकार सिर्फ मीडिया के सामने केवल आवाज उठाने का काम करती आरही है। शिक्षाकर्मियों,अनुदेशकों ,प्रेरक ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की  जिंदगी निजी होती जा रही है।साथ ही पुलिस प्रशासन के ऊपर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि छात्रों से पूछताछ  भी नहीं करते है नक्सलियों का सहयोगी बताकर जेल में ठूस देते हैं जिसकी वजह से हेमला राजू पुलिस प्रशासन से परेशानियों को झेल रहा है जिसके लिए छात्रों को आंदोलन करने की बात कही है।

इन सभी समस्याओं को लेकर छात्र छात्राओं से अपील किया है कि जिले में स्कूलों में एकल शिक्षक,भवन विहीन,सुविधा विहीन व शिक्षक विहीन होते जा रहे हैं।जिसके लिए सभी छात्र छात्राओं को अपना समस्या हल करने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना चाहिए तभी निजीकरण और भगवाकरण से शिक्षा को मुक्ति मिलेगी। यह प्रेस नोट संयुक्त्त छात्र संघ ने जारी कर मांग किया है कि गुणवत्ता शिक्षा और गांव पंचायत में ही स्कूल संचालित होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *